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Wednesday, October 26, 2011

***** शुभ दीपावली -2011 *****


जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना
अन्धेरा धरा पर कहीं रह न जाये


नयी ज्योति के धर नये पंख झिलमिल,
उडे मर्त्य मिट्टी गगन स्वर्ग छू ले,


लगे रोशनी की झडी झूम ऐसी,
निशा की गली में तिमिर राह भूले,


खुले मुक्ति का वह किरण द्वार जगमग,
उषा जा न पाये, निशा आ ना पाये


जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना
अन्धेरा धरा पर कहीं रह न जाये

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