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Wednesday, October 26, 2011

***** शुभ दीपावली.....!! *****



शुभ दीपावली.....!!.. अर्थ -वैभव व् समृद्धि की परिपूर्णता का परिचायक पर्व दीपावली शुभ हो …

दीपावली का यह पावन पर्व आप सभी के लिए, 
और राष्ट्र के लिए, सुख, वैभव और सुरक्षा का कारक बने ,
यही , प्रभु के श्रीचरणों में विनती है..
...
छोटा सा एक, दीप जलायें।
मानव-मन को पुन: मिलायें।।
अंधकार से ढका विश्व है,
दीप से दीप जलाते जायें।

चौराहे पर रक्त बह रहा,
नारी नर को कोस रही है,
नर नारी का खून पी रहा,
लक्ष्मीजी चीत्कार रही हैं।

राम का हम हैं, स्वागत करते
रावण मन के अन्दर बस रहा।
लक्ष्मी को है मारा कोख में
अन्दर लक्ष्मी पूजन हो रहा।

आओ शान्ति सन्देश जगायें
हर दिल प्रेम का दीप जलायें।
बाहर दीप जले न जले,
सबके अन्दर दीप जलायें।

विद्वता बहुत हाकी है अब तक,
पौथी बहुत बांची हैं अब तक,
हर दिल से आतंक मिटायें,
छोटा सा एक, दीप जलायें।

दीवाली का पर्व हम सबको आत्मचिन्तन एवं आत्मनिरीक्षण का सन्देश देता है। यह पर्व अन्धकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक भी है। बाहर रोशनी बढ़ती जा रही है। हमारे अन्दर व्याप्त ..अज्ञान, अविद्या, पाखण्ड, विषय-वासना, असन्तोष, ईर्ष्या, द्वेष आदि अँधेरे का विनाश हो , यही दीपावली सन्देश है....!!
धन तेरस, छोटी दिवाली , और दीपावली का महान पर्व , सिध्हि विनायक , और माँ लक्ष्मी से शुभ और वैभव की याचना ( कामना) करने के पर्व है... !!

***** दिवाली की बधाई *****


सफलता कदम चूमती रहे, ख़ुशी सदा पास रहे,
यश इतना फैले की दिशायें रोशन हो जाएँ,
लक्ष्मी इतनी बरसे की दामन छोटा पड़ जाए,

दीप जलते जगमगाते रहे,
आप हमें और हम आपको याद आते रहे,

जब तक ज़िन्दगी है, दुआ है हमारी,
आप चाँद की तरह जगमगाते रहे,

आई आई दिवाली आई, साथ में कितनी खुशियाँ लायी,
धूम मचाओ, मौज मनाओ,

आप सभी को दिवाली की बधाई.

***** शुभ दीपावली -2011 *****


जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना
अन्धेरा धरा पर कहीं रह न जाये


नयी ज्योति के धर नये पंख झिलमिल,
उडे मर्त्य मिट्टी गगन स्वर्ग छू ले,


लगे रोशनी की झडी झूम ऐसी,
निशा की गली में तिमिर राह भूले,


खुले मुक्ति का वह किरण द्वार जगमग,
उषा जा न पाये, निशा आ ना पाये


जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना
अन्धेरा धरा पर कहीं रह न जाये

शुभ दीपावली-2011

आओं मिलकर दिल जलाएं...
जगमग जगमग धरती हो जाएँ..
दीपों से दीप जलाकर हम....
घर चोबरें में उजियारा करें...
भेदभाव हम सभी भुलाकर...
मन का तमस/अँधेरा दूर करें...
हंस-खुशकर ये त्यौहार मनाएं..
बम पटाखों से होता शोर...
आतिशबाजी का होता जोर....
जगमग जगमग दीवाली में..
सावधानी भी बरती/रखी जाएँ..
दीवाली के इस शुभ प्रकाश में..
आती होठों पर मुस्कान...
लक्ष्मी -गणेश के पूजन से...
सबको मिले सुबुद्धि,धन का वरदान...
सभी के घर आँगन रिद्धि-सिद्धि आये..
आओ मिलकर दीप जलाएं...
जगमग-जगमग धरती हो जायें...